कानपुर के यशोदा नगर एन ब्लॉक निवासी सिंचाई विभाग के सर्वेयर राजेंद्र सिंह तोमर की 12 अप्रैल को निमोनिया से मौत हो गई जिंदा रहते हुए वे चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए रोज ही सीडीओ दफ्तर में विनती करते रहे थे। इसी मामले में बुधवार को अशोक नगर स्थित कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में सिचाई विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की संस्था के अध्यक्ष मनोज कुमार सचान और उपाध्यक्ष हर गोविंद सिंह ने अपने विभाग के कर्मचारी स्व राजेंद्र सिंह सर्वेयर की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए सीडीओ कानपुर नगर और उनके पीए कलीम हैदर रिजवी और अस्थाना बाबू पर पैसा लेकर ड्यूटी काटने के गम्भीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही की मांग की तथा दिवंगत कर्मचारी के परिवार के लिए पचास लाख मुआवजा की मांग की और मांगे न मानने पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी हड़ताल करने की चेतावनी दी है।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि सात अप्रैल से बीमार राजेंद्र को 10 तारीख को भी ड्यूटी के लिए बुलाया गया। उन्होंने बुखार की हालत में ड्यूटी की। इस मामले से जिला प्रशासन की कोविड हेल्प डेस्क जैसी व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। वे अफसरों के पास जाकर अपनी हालत बताते गए लेकिन ड्यूटी से राहत नहीं मिली, 10 को ड्यूटी के बाद वे घर पहुंचे तो उनकी सांसें फूलने लगीं। उन्हें सीएल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। इसके बाद भी राजेंद्र के पास ड्यूटी के लिए फोन आते रहे। ऐसे में उनके बेटे विश्वजीत सिंह ने सीडीओ ऑफिस में ड्यूटी कटवाने के लिए गुहार लगाई।
वहां सीडीओ के पीए कलीम बाबू ने ड्यूटी काटने से इंकार कर दिया। वे पॉलिटेक्निक ट्रेनिंग सेंटर गए कि शायद कोई सुन लें। वहां से उन्हें डीआईओएस कार्यालय भेजा गया। डीआईओएस कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि ड्यूटी ब्लॉक से कटेगी। इस बीच विश्वजीत ने इंटरनेट से मोबाइल नंबर निकालकर सीडीओ को भी फोन किया था। सीडीओ ने बंगले में आवेदन देने की बात कही। विश्वजीत जब बंगले गए तो वहां पत्र लेने से मना कर दिया गया। इसी भागदौड़ के बीच विश्वजीत को खबर मिली कि उनके पिता अब नहीं रहे प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से आदर्श लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मो शाकिर उस्मानी, दलित महापंचायत दल के नेता प्रदीप यादव, कुलदीप सक्सेना, विवेक त्रिवेदी, सोने लाल गौतम मौजूद रहे।