कानपुर,सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज समाजवादी व्यापार सभा उत्तर प्रदेश की सभी जिला व महानगर इकाइयों ने विसंगतिपूर्ण जीएसटी के विरुद्ध राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन देते हुए व्यापारियों की सहमति व राय लेकर जीएसटी में उचित बदलाव करने की मांग रखी।कानपुर में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता व कानपुर महानगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल के नेतृत्व में व्यापारी कलेक्ट्रेट ज्ञापन सौंपने पहुंचे।ज्ञापन के लिए आते वक्त लाल समाजवादी टोपियां देखकर पुलिस ने समाजवादियों को गेट पर ही रोक दिया जिसकी वजह से 15 मिनट तक गेट पर अभिमन्यु गुप्ता व जितेंद्र जायसवाल की पुलिस से झड़प हुई।गेट पर धरने की बात कहने पर समाजवादी व्यापार सभा के प्रतिनिधि मंडल को अंदर जाने दिया जहां उन्होंने ज्ञापन दिया।ज्ञापन में कहा गया की 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होते ही उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों पर बहुत बुरा असर पड़ा।जटिल व विसंगतिपूर्ण जीएसटी बिना राय सलाह के लागू कर दी गई जिसका उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के व्यापारियों ने विरोध किया।नोटबन्दी के बाद इंसेक्टर राज व जटिलता को बढ़ाने वाली जीएसटी की वजह से लाखों व्यापारी व्यापार बंद करने को मजबूर हुए।जीएसटी इतनी जटिल व विसंगतिपूर्ण है कि लागू होने के बाद से अब तक लगभग 900 से ज़्यादा संशोधन हो चुके हैं जो इस बात का प्रमाण हैं की सरकार ने बगैर तैयारी बगैर सलाह किये और बगैर व्यापारियों को विश्वास में लिए ही नोटबन्दी की ही तरह जीएसटी भी लागू कर दी थी।जीएसटी इतनी जटिल और अव्यवहारिक है की स्वयं विभाग के अधिकारी व सीए/अधिवक्ता भी इसको समझ नहीं पाते हैं तो आम व्यापारी इसको क्या समझेगा।किसी भी संशोधन से पहले व्यापारियों से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही जीएसटी को लेकर व्यापारियों की परेशानियों को जानने का कोई प्रयास ही किया ।प्रतिदिन एक नया प्रावधान लागू कर दिया जाता है जिसकी क्रियान्वन करना व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल भरा है।वन नेशन वन टैक्स का वादा करके भाजपा सरकार ने अपने खजाने को भरने के लिए पेट्रोल,डीज़ल,बिजली को जीएसटी से बाहर रखा।ज्ञापन में आगे कहा गया की भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में बगैर तैयारी बगैर सलाह के नोटबन्दी,फिर जीएसटी और फिर लौकडाउन लागू करके देश विशेषकर उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है।जटिल विसंगतिपूर्ण जीएसटी की वजह से व्यापारी भयंकर तनाव में हैं और समस्याएं झेल रहे हैं।इंस्पेक्टरराज व उत्पीड़न की अति है।जब 4 साल में जीएसटी में 900 से ज़्यादा संशोधन करने पड़े और अधिकारी,सीए,अधिवक्ता व व्यापारी इसको नहीं समझ पा रहे तो ऐसी जीएसटी व ऐसे कानून का क्या मतलब।यह व्यवहारिक नहीं है।ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी गई की वर्तमान स्वरूप में जीएसटी को रद्द करके व्यापारी प्रतिनिधियों से सलाह करने के बाद ही उचित बदलाव करके नया कानून बनाएं ताकि व्यापार लायक माहौल बन सके।यह देश और व्यापारियों के हित में होगा।प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता,कानपुर महानगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल,उपाध्यक्ष मनोज चौरसिया,बॉबी सिंह,कोषाध्यक्ष शुभ महेश्वरी, गुड्डू यादव, रचित पाठक,अनुज अग्रवाल, रसिक यादव, अरुण कुमार, शफीक सुनार, सोनू वर्मा ,शानू सोनकर वारस,भूपिंदर सिंह आदि थे।
व्यापारियों की सहमति व राय लेकर जीएसटी में उचित बदलाव करने की मांग-अभिमन्यु गुप्ता
कानपुर,सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज समाजवादी व्यापार सभा उत्तर प्रदेश की सभी जिला व महानगर इकाइयों ने विसंगतिपूर्ण जीएसटी के विरुद्ध राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन देते हुए व्यापारियों की सहमति व राय लेकर जीएसटी में उचित बदलाव करने की मांग रखी।कानपुर में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता व कानपुर महानगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल के नेतृत्व में व्यापारी कलेक्ट्रेट ज्ञापन सौंपने पहुंचे।ज्ञापन के लिए आते वक्त लाल समाजवादी टोपियां देखकर पुलिस ने समाजवादियों को गेट पर ही रोक दिया जिसकी वजह से 15 मिनट तक गेट पर अभिमन्यु गुप्ता व जितेंद्र जायसवाल की पुलिस से झड़प हुई।गेट पर धरने की बात कहने पर समाजवादी व्यापार सभा के प्रतिनिधि मंडल को अंदर जाने दिया जहां उन्होंने ज्ञापन दिया।ज्ञापन में कहा गया की 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होते ही उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों पर बहुत बुरा असर पड़ा।जटिल व विसंगतिपूर्ण जीएसटी बिना राय सलाह के लागू कर दी गई जिसका उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के व्यापारियों ने विरोध किया।नोटबन्दी के बाद इंसेक्टर राज व जटिलता को बढ़ाने वाली जीएसटी की वजह से लाखों व्यापारी व्यापार बंद करने को मजबूर हुए।जीएसटी इतनी जटिल व विसंगतिपूर्ण है कि लागू होने के बाद से अब तक लगभग 900 से ज़्यादा संशोधन हो चुके हैं जो इस बात का प्रमाण हैं की सरकार ने बगैर तैयारी बगैर सलाह किये और बगैर व्यापारियों को विश्वास में लिए ही नोटबन्दी की ही तरह जीएसटी भी लागू कर दी थी।जीएसटी इतनी जटिल और अव्यवहारिक है की स्वयं विभाग के अधिकारी व सीए/अधिवक्ता भी इसको समझ नहीं पाते हैं तो आम व्यापारी इसको क्या समझेगा।किसी भी संशोधन से पहले व्यापारियों से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही जीएसटी को लेकर व्यापारियों की परेशानियों को जानने का कोई प्रयास ही किया ।प्रतिदिन एक नया प्रावधान लागू कर दिया जाता है जिसकी क्रियान्वन करना व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल भरा है।वन नेशन वन टैक्स का वादा करके भाजपा सरकार ने अपने खजाने को भरने के लिए पेट्रोल,डीज़ल,बिजली को जीएसटी से बाहर रखा।ज्ञापन में आगे कहा गया की भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में बगैर तैयारी बगैर सलाह के नोटबन्दी,फिर जीएसटी और फिर लौकडाउन लागू करके देश विशेषकर उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है।जटिल विसंगतिपूर्ण जीएसटी की वजह से व्यापारी भयंकर तनाव में हैं और समस्याएं झेल रहे हैं।इंस्पेक्टरराज व उत्पीड़न की अति है।जब 4 साल में जीएसटी में 900 से ज़्यादा संशोधन करने पड़े और अधिकारी,सीए,अधिवक्ता व व्यापारी इसको नहीं समझ पा रहे तो ऐसी जीएसटी व ऐसे कानून का क्या मतलब।यह व्यवहारिक नहीं है।ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी गई की वर्तमान स्वरूप में जीएसटी को रद्द करके व्यापारी प्रतिनिधियों से सलाह करने के बाद ही उचित बदलाव करके नया कानून बनाएं ताकि व्यापार लायक माहौल बन सके।यह देश और व्यापारियों के हित में होगा।प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता,कानपुर महानगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल,उपाध्यक्ष मनोज चौरसिया,बॉबी सिंह,कोषाध्यक्ष शुभ महेश्वरी, गुड्डू यादव, रचित पाठक,अनुज अग्रवाल, रसिक यादव, अरुण कुमार, शफीक सुनार, सोनू वर्मा ,शानू सोनकर वारस,भूपिंदर सिंह आदि थे।