छात्रों की मागों को लेकर की भूख हड़ताल  


कानपुर,प्रवासी छात्र, छात्राओं व मज़दूर जो जो अपने भविष्य के लिए तथा अपने परिवार के लिए दूसरे प्रदेशों में काम करने गया है या पढाई करने गया है, लॉक डाउन के चलते रूम का किराया तो छोड़िये, दो वक़्त की रोटी खाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लगातार यह सुनने में आता है मज़दूर पैदल आने घर को वापस आ रहा है, भूख प्यास से ना जाने कितनो ने अपनी जान की आहुति दे चुके है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नही उठाया अभी तक, एक तरफ बड़े बड़े नेता अपने बच्चों की शादी धूम धाम से कर रहे है वही दूसरी तरफ गरीब मजदूर कुछ लेने भी निकले तो उसपे लाठी चार्ज हो  रहा है,यह कैसा इन्साफ है जबकि कोरोना वाइरस वही बड़े बड़े लोग फ्लाइट में सफर करने वालो के जरिये भारत में पहुचा है,  भूख हड़ताल अपने निवास स्थान पर रख्खा सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित कराना है इन छात्र और मज़दूरों पर ध्यान दे।

मांगे: जो छात्र अपने होस्टल, रूम का किराया देने में असमर्थ है, उनका 3 माह का किराया माफ़ हो।स्कूल, कॉलेज, विश्विद्यालय की फीस का पुनःनिवारण हो, और सरकार अगले सेमिस्टर की फीस माफ़ कर।सरकार को उन छात्रों के लिए परिवहन का इंतज़ाम करे, जो आवश्यक परीक्षण के बाद अपने घरों में वापस जाना चाहते है।बेरोजगारों के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम घोषित की जानी चाहिए।

कॉलेज विश्विद्यालय या संसथान आई डी कार्ड के आधार पर छात्रों को उचित राशन मुहैया कराए।अगले 2 वर्षो तक सभी शिक्षा करो पर ब्याज माफ़ी की जाये।जो मज़दूर दूसरे प्रदशो में फंसे है, उनको उनके घरों तक पहुचाया जाये।मज़दूरों के परिवारों को पैंसन मुहैया कराई जाए।मजदुरो को श्रम विभाग द्वारा मदद कराई जाए।

यह मांगो को लेकर धरने पर बैठे है।