ख्वाजा ख्वाजा कहते हैं हिंदुस्तान में रहते हैं
कानपुर, ख्वाजा का हिंदुस्तान जिंदाबाद ख्वाजा ख्वाजा कहते हैं हिंदुस्तान में रहते हैं शहन्शाहे हिन्दुस्तान जिन्दाबाद,ग़रीबों के मसीहा ग़रीब नवाज़ जिंदाबाद,मुहब्बते रसूल के अलम बरदार ख्वाजा पिया जिंदाबाद के नारों की गूँज में मरकज़ी चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के ज़ेरे एहतमाम मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना से अजमेर शरीफ के लिए रवाना की गयी इस अज़ीम चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के मिम्बरान अजमेर शरीफ के लिए रवाना हुए इस अज़ीम चादर मुहब्बत की एक झलक पाने और उसे बोसा देने (चूमने) के लिए लोग बेक़रार नज़र आये मालूम हो कि यह ग़रीब नवाज़ हफ़्ता के तहत पहला प्रोग्राम था इस मौक़े पर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के मिम्बरान ने ज़ायरीन अजमेर शरीफ़ व मिम्बरान आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल को चादरे मुहब्बत हवाले करते हुए कहा कि यह अमन व अमान की चादर है मुल्क की तरक्क़ी व खुशहाली की चादर है हज़रत मौलाना मो0हाशिम अशरफ़ी राष्ट्रिय अध्यक्ष कौन्सिल व इमाम ईदगाह गद्दियाना ने कहा कि हिन्दुस्तान के वज़ीरे आज़म नरेन्द्र मोदी साहब की जानिब से पेश होने वाली चादर को हम मुहब्बत की निगाह से देखते हैं उन्हें उर्से ग़रीब नवाज़ (6 रजब ) की छुट्टी का ऐलान करके एक और मुहब्बत की चादर पेश करना चाहिये लिहाज़ा वजीर ए आज़म हिन्द से हम पुर जोर मुतालबा करते हैं कि उर्से ग़रीब नवाज़ (6 रजब ) को कौमी तातील के लिए हुक्म सादिर करें। दुनिया के बड़े बड़े बादशाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की बारगाह में घुटने के बल चल कर आने में अपने को खुश किस्मत समझते थे अशरफ़ी ने कहा कि ग़रीब नवाज़ ने इन्सानियत,मानवता,भाई चारे का पैगाम दिया उन के पैगाम पर अमल करके ही तरक्क़ी और खुशहाली हासिल की जा सकती है। इस मौक़े पर मुल्क के लिए दुआएं की गयीं। मरकजी चादर रवाना करते वक़्त खास तौर से मो0 रफीक मुंशी,मो0शाह आज़म बरकाती ,हाफिज अब्दुर्रहीम बहरईची,हाफिज मिन्हाजुद्दीन कादरी,युसूफ रज़ा,अकील हसन,अकील ठेकेदार,इस्माइल,शफीक अहमद,असलम,हाजी सलीम,हाजी रसूल बख्श,लाल मो0फखरुद्दीन बाबु,इदरीस खान,मुन्ना,जुनेद,जावेद,टीटू,शाकिर अली,मौलाना कलीम, मुन्ना मिस्त्री आदि लोग मौजूद रहे।