-मंडलायुक्त ने अफसरों के साथ जलीय निरीक्षण कर देखी नाला डायवर्जन की हकीकत
कानपुर । जिले में राष्ट्रपति के दौरे से पूर्व बुधवार को मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी सहित अन्य अफसरों के साथ गंगा में गिरने वाले नालों का निरीक्षण किया। मोटर बोट से आलाधिकारियों ने जलीय निरीक्षण करते हुए नाला डायवर्जन की हकीकत को देखते हुए घाट किनारे अतिक्रमण की स्थिति को देखा।
मंडलायुक्त डॉ सुधीर एम. बोबड़े ने बुधवार को गंगा में गिरने वाले नालों के हुए डायवर्जन को लेकर निरीक्षण किया। उन्होंने मोटर बोट से गंगा बैराज के अटल घाट से लगभग 10 किलोमीटर लम्बे गंगा के जलीय निरीक्षण करते हुए नालों में हुई टैम्परिंग को देखा। इस दौरान बोट में उपस्थित जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, नमामि गंगे के अफसर, जल निगम के अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से मंडलायुक्त ने गंगा किनारे अतिक्रमण को लेकर भी बातचीत की। नालों में अधिकारियों को टैम्परिंग के साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भी मंडलायुक्त श्री बोबड़े ने जानकारी की। निरीक्षण के दौरान सबसे बड़े नाले सीसामऊ की टैम्परिंग को लेकर मंडलायुक्त बेहद संजीदा दिखे। उन्होंने अफसरों से इसको लेकर पूछताछ की तो पता चला कि टैम्परिंग ठीक हुई है, लेकिन बारिश व पानी के ओवरफ्लो होने पर कभी-कभी सीवेज का पानी गंगा में आ जाता है। जिसे जल्द दूर करने के अफसरों को मंडलायुक्त ने निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर हाल में गंगा में नालों का सीवेज नहीं गिरना चाहिए। सीवेज ट्रीटमेंट को लेकर बनाए गए एसटीपी प्लांट को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए, ताकि गंगा को प्रदूषण मुक्त के साथ स्वच्छ व अविरल गंगा की जलधारा की जानकारी कानपुर से पूरे देश व दुनिया को मिले।