कानपुर,पैगम्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स0अ0व0) की यौम ए विलादत माह का चाँद निकलने के साथ ही मोहम्मदी यूथ ग्रुप के प्रोग्रामों की कड़ी में आज इल्म की एहमियत, बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए किताबों-कापियों पेंसिल का वितरण कर इल्म को हर घर में रोशन करने व बेटियों की एहमियत का पैगाम दिया। मोहम्मदी यूथ ग्रुप के पदाधिकारी/सदस्य मदरसा रहीमियां मदीनतुल उलूम छोटे मियाँ हाता कर्नलगंज पहुंचे जहाँ बच्चों को किताबों-कापियों व पेंसिल व टाफियों-बिस्कुट चाकलेट का वितरण कर उनका हौसला बढ़ाया, मदरसे के बच्चें शिक्षा प्राप्त करने वाले सामान व टाफियां बिस्कुट चाकलेट पाकर खुश हुए उनके चेहरे खिल उठें।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने बच्चों के संरक्षकों व क्षेत्रीय लोगों को शिक्षा के बारे मे बताते हुए कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम ने इल्म हासिल करना औरत - मर्द दोनों के लिए ज़रुरी बताया है, जाहिलत अभिशाप है। कब्र की मंजिल तक इल्म हासिल करना, दुख दर्द बांटने, जहालत और जुल्म के खिलाफ जेहाद किया, विरासत में औरतों को हक दिलाना, बेटियों से मोहब्बत करना, उनकों इल्म दिलाना, औरतों को इज़्ज़त के साथ जीने का हक इस्लाम ने दिया है। पैगम्बरे इस्लाम ने फरमाया मां के कदमों के नीचे जन्नत है और बाप उसका दरवाज़ा है।मौलाना मतीउर रहमान रज़वी ने कहा कि माँ की गोद बच्चे की पहली पाठशाला होती है बेटी शिक्षित है तो पूरा खानदान इल्म से रोशन हो जाता है लड़कों के साथ लड़कियों की तालीम भी जरुरी है कुरआन की पहली आयत इकरा नाज़िल (अवतरित) हुई तो उसमे पढ़ने और इल्म हासिल करने का पैगाम दिया गया हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन ने कहा कि हम सबकों बेटों बेटियों मे फर्क न कर पैगम्बर ए इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए इल्म के लिए हर संभव मदद कोशिशे करना, दीनी और दुनियावी तालीम का पैगाम घर-घर मे पहुंचाने की ज़िम्मेदारी हम सबकों निभानी होगी।प्रोग्राम मे इखलाक अहमद डेविड, मौलाना मतीउर रहमान रज़वी, हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन, हाफिज़ शकील अहमद, अब्दुल रहीम, मोहम्मद रियाज़ अज़हरी, रिज़वान वहीदी, मोहम्मद उमर, पप्पू वारसी, रौनक अली अंसारी, मोहम्मद जावेद इदरीसी, मोहम्मद ज़ाकिर, मोहम्मद हामिद, हाफिज़ ज़ीशान, अब्दुल रहीम, मोहम्मद रईस अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।