कानपुर नगर। जिलाधिकारी श्री विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ कराने के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना 23 अगस्त से लागू होनी है के विषय मे समीक्षा करते हुए नोडल विभाग जिला प्रोबेशन विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे पूरी सक्रिय भूमिका निभाते हुए 1 अप्रैल 2018 से अब तक की पैदा होने वाली बालिकाओं को चिन्हित करते हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी से पैदा होने वाली बच्चियों की सूची प्राप्त कर उनके फार्म भरवा कर योजना का लाभ उन्हें पहुचाए।
उन्होंने बताया कि इस योजना को 6 श्रेणियों में बाटा गया है जिसके अंतर्गत प्रथम श्रेणी में बालिका के जन्म होने पर ₹2000 एकमुश्त किया जाना, द्वितीय श्रेणी बालिकाओं के 1 वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरांत ₹1000 एकमुश्त दिया जाना। तृतीय श्रेणीमें कक्षा प्रथम में बालिकाओं के प्रवेश के उपरांत ₹2000 एक मुश्त दिया जाना । चतुर्थ श्रेणी में कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश के उपरांत ₹2000 एक मुश्त दिया जाना।पंचम श्रेणी में कक्षा 5 में बालिकाओं के प्रवेश के उपरांत ₹3000 एकमुश्त दिया जाना तथा षष्टम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं सम्लित की जायेंगे जिन्होंने कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण कर के स्नातक डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हूं ₹5000 दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि समाज में प्रचलित कुरीतियां एवं भेदभाव जैसे कन्या भ्रूण हत्या ,बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच आदि ।उन्होंने बताया कि महिलाएं अपने जीवन संरक्षण स्वास्थ्य एवं शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती है। इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है जो अत्यंत आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने बताया योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता निम्न होगी कि लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश सरकार का निवासी था उसके पास स्थाई निवास प्रमाण पत्र जिसमें राशन कार्ड आधार कार्ड वोटर पहचान पत्र विद्युत टेलीफोन का दिन मान होगा । ना भारती की पारिवारिक आय अधिकतम केस लाख रुपए वार्षिक हो । किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा। लाभार्थी के परिवार में अधिकतम दो ही बच्चे हो। किसी महिला को दी थी परसो से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी नाम अनुमान होगा यदि किसी महिला को पहले पशुओं से बालिका है वह दीदी पैसों से दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप से गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाये इस योजना के लाभार्थी होंगे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री अच्छे त्रिपाठी जॉइन मजिस्ट्रेट आईएस श्री साईं तेजा , मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक आदि उपस्थित थे